प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार सातवीं बार देश को संबोधित करेंगे। उनका संबोधन कोरोना वायरस महामारी, चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध और आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों के बीच होगा।
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चीन पर बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद- पड़ोसी ने विस्तारवाद को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया |
बकौल कोविंद, “इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी। इसका कारण स्पष्ट है। पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है।”
उनके मुताबिक, “राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं। इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है।”
बकौल राष्ट्रपति, “आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है।”
उन्होंने कहा- हमारे पास विश्व-समुदाय को देने के लिए बहुत कुछ है, विशेषकर बौद्धिक, आध्यात्मिक और विश्व-शांति के क्षेत्र में। मैं प्रार्थना करता हूं कि समस्त विश्व का कल्याण हो। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चित् दु:खभाग् भवेत्॥
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